
तकनीक के विकास से कई बीमारियो का डायग्नोसिस एवं निदान संभव होता जा रहा है, ऐसी ही एक बीमारी आर्थराइटिस है, जो किसी भी व्यक्ति के किसी भी जोड़ को ख़राब कर सकती है, यह भारत में मुख्य रूप से घुटनो के जोड़ को प्रभावित करती है. आर्थराइटिस के कारण घुटनो में दर्द होता है और सूजन आ जाती है, घुटने और पैर धीरे धीरे टेड़े होने लगते है और चलने की स्पीड और चलने का डिस्टेंस काम होने लगता है . फिर आर्थराइटिस का मरीज घर में ही रहने लगता है. जब दर्द ज्यादा हो या चलना मुश्किल हो जाये तो घुटनो का ऑपेरशन ही सटीक उपाय है. घुटनो के जोड़ को बदलने के ऑपेरशन को जोड़ प्रत्यारोपण या जॉइंट रिप्लेसमेंट कहते है.
यह एक बहुत ही कामयाब ऑपरेशन है और आधुनिक विज्ञानं का विश्वसनीय चमत्कार है . चिकित्सक और ऑपरेशन कराने वाले ऑर्थरिटिस के मरीज ऑपरेशन के परिणाम से बहुत खुश एवं संतुष्ट है . आजकल सभी लोग सुशिक्षित , होशियार , एवं जानकारी रखने वाले है . इसलिए सभी लोग चाहते है की घुटने का ऑपरेशन ऐसा हो जिसके बाद पेशेंट सही महसूस करे एवं जल्दी से जल्दी अपना दैनिक जीवन जी सके . इन सभी इच्छाओ (डिमांड ) को ध्यान में रखते हुए विज्ञानं भी इसी प्रकार के ऑपरेशन की खोज में लगा था . 25 वर्षो के अथक प्रयत्नो एवं खोज के बाद वैज्ञानिक इजीनियर एवं डॉक्टर बहुत ही कामयाब घुटने के जोड़ बनाने में सफल हुए है यह जोड़ ऑर्थरिटिस के मरीज के लिए वरदान साबित हुऐ है .
यह सब बताते हुए नागपुर के सीनियर जोड़ रोग विशेषज्ञ ‘डॉ . हरीश गिडवानी ने बताया की आधुनिक घुटने के जोड़ सिस्टम वास्तव में किसी वैज्ञानिक चमत्कार से कम नहीं है . यह सिस्टम एवं ऑपरेशन प्रत्येक पेशंट की अलग अलग जरूरत एवं अलग अलग नाप के अनुसार बहुत सारे विकल्प देता है. इसी वजह से आर्थराइटिस के मरीज में ऑपेरशन के बाद के परिणाम में सुधार हुआ है. मरीज के ऑपेरशन के दौरान कम हड्डी एवं रक्त का नुकसान होता है एवं उसे कम दर्द होता है और पेशंट ठीक जल्दी होता है ,इसलिए मरीज जल्दी अपने दैनिक कार्य करने के काबिल हो जाता है. ‘डॉ . हरीश गिदवानी ‘ काफी अनुभवी जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन है.‘ डॉ . हरीश गिदवानी ‘ जोड़ प्रत्यारोपण ऑपरेशन की ट्रेनिंग ‘’एरो पार्क हॉस्पिटल, इंग्लैंड एवं हिंदुजा हॉस्पिटल मुंबई ‘’ में पूरी करने के बाद कई राष्ट्रिय एवं अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार एवं कांफ्रेंस अटेंड कर चुके है .अपैक्स हॉस्पिटल नागपुर में कार्यरत जोड़ प्रत्यारोपण (जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन ) डॉ. हरीश गिदवानी ने बताया की ऑर्थरिटिस के मरीज जो बीमारी की वजह से चल नहीं पा रहे है उन सभी के लिए यह ऑपरेशन एक वरदान है . आर्थराइटिस की आरंभिक अवस्था में यदि सभी इलाज सही तरह और सही समय पर लिए जाए तो कई लोगो में बिना ऑपेरशन के भी लगभग नार्मल जीवन जिया जा सकता है. समय पर दवाइया, कसरत, वजन कंट्रोल, खाने पीने पर कंट्रोल, एवं समय समय पर उचित डॉक्टर परामर्श लेकर आराम पाया जा सकता है.